इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों में सामान्य कल्याण के स्तर का आकलन का अध्ययन

Authors

  • विष्णु देव सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार

Abstract

औद्योगीकरण, आधुनिकीकरण और शहरीकरण की प्रक्रियाओं ने लोगों की जीवनशैली पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। अधिक उपज देने वाली किस्मों के कारण, कृषि क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों और कीट नियंत्रण के उपयोग से जहरीला भोजन पैदा हो रहा है। मशीनी और व्यस्त जीवन शैली लोगों में तनाव बढ़ा रही है। प्रौद्योगिकी में प्रगति ने घरेलू जीवन को बहुत आरामदायक बना दिया है। लोग इतने गतिहीन और केवल शारीरिक गतिविधियों पर केंद्रित होते जा रहे हैं। इस प्रकार, वयस्कों में मोटापा बढ़ रहा है और विभिन्न प्रकार की पुरानी बीमारियाँ विकसित हो रही हैं। बच्चे भी इस स्थिति से अछूते नहीं हैं। राष्ट्र का दुर्लभ उत्पादक मानव संसाधन ख़तरे में है। बच्चे समाज के उभरते फूल हैं। वे किसी भी राष्ट्र का भविष्य हैं। उनका उचित पालन-पोषण उनके व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास पर असर डाल रहा है। सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और शायद शारीरिक विकास का भविष्य में उनकी उपलब्धियों से कुछ लेना-देना है। जिससे वे देश के जिम्मेदार नागरिक के रूप में उभर सकें। राष्ट्र का विकास उसके युवा उत्पादक मानव संसाधन पर निर्भर करता है। स्वस्थ युवा परिपूर्णता में ही बच्चों का सर्वांगीण विकास निहित है। गौरतलब है कि खेल और योग बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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Published

2024-07-14

How to Cite

विष्णु देव सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार. (2024). इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों में सामान्य कल्याण के स्तर का आकलन का अध्ययन. Edu Journal of International Affairs and Research, ISSN: 2583-9993, 3(3), 76–84. Retrieved from https://edupublications.com/index.php/ejiar/article/view/139