मधुकांत का उपन्यास ‘गूगल बॉय’ में रक्तदान महादान
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उपन्यास ‘गूगल बॉय’ रक्तदान महादानAbstract
रक्तदान से अभिप्रायः रक्त के दान से है। यह शब्द रक्तदान से मिलकर बना है। ‘रक्त’ का अर्थ ‘रूधिर, खून’ और ‘दान’ का अर्थ ‘देने’ से है। इस प्रकार रक्त दान से अभिप्राय रक्त देना या दान करना है। व्यक्ति समाज में रहता है वह अनेक वस्तुओं का आदान-प्रदान करता है जिससे उसका जीवन सुचारू रूप से चल सके। अकेला व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति स्वयं नहीं कर पाता इसके लिए उसे अन्य की सहायता करनी व लेनी पड़ती है। यही लेन-देन ‘रक्त दान’ के माध्यम से भी होता है। यह पुण्य का कार्य भी होता है। जीवन में दान अनेक रूपों में किया जाता है। दान करने वाले व्यक्ति को श्रेष्ठ माना जाता है उसे दानी या महादानी के नाम से भी सम्बोधित किया जाता है। इसमें कोई स्वार्थ नहीं होता।
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