भारत के मध्यकालीन इतिहास में (6वीं से 18वीं सदी तक) सामाजिक और राजनीतिक प्रकरण

Authors

  • डॉ. जोगिन्दर सिंह सहायक प्रोफेसर, इतिहास विभाग, शमशेर बहादुर सक्सेना विधि महाविद्यालय, रोहतक, हरियाणा

Keywords:

मध्यकालीन भारत, इतिहास, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, बदलाव, प्रकरण

Abstract

इन सामाजिक और राजनीतिक प्रकरण ने मध्यकालीन भारतीय इतिहास में संवाद और परिप्रेक्ष्य के जटिल रिश्तों और गतिविधियों की अद्वितीय प्रक्रियाओं को दिखाया, जिन्होंने इस समय के विकास के पथ को मोल दिया। मध्यकालीन भारत के इतिहास में सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक बदलाव ने समाज की रूपरेखा में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए। इस युग में, भारतीय समाज ने अपने धार्मिक और सांस्कृतिक आधारों पर विकसित होने का प्रयास किया और राजनीतिक संगठन में भी नए परिप्रेक्ष्य में उतरे। वर्ण व्यवस्था, जो मध्यकालीन भारत में महत्वपूर्ण थी, समाज को विभिन्न वर्गों में विभाजित करती थी। भक्ति आंदोलनों ने विभिन्न धर्मों के बीच एकता की प्रेरणा दी और भगवान के प्रति प्रेम को उत्कृष्टता दी। सामाजिक सुधारों के द्वारा विवाह विच्छेद, शिक्षा, और दलितों के अधिकारों की रक्षा की गई।

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Published

2023-04-17

How to Cite

डॉ. जोगिन्दर सिंह. (2023). भारत के मध्यकालीन इतिहास में (6वीं से 18वीं सदी तक) सामाजिक और राजनीतिक प्रकरण. Edu Journal of International Affairs and Research, ISSN: 2583-9993, 2(2), 16–20. Retrieved from https://edupublications.com/index.php/ejiar/article/view/19