अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस और हिंदी साहित्य में नारी अस्मिता
Abstract
हिंदी साहित्य का इतिहास बहुत ही पुराना है लेकिन जैसा कि विषय से स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के शुरुआत होने के बाद से हिंदी साहित्य में महिलाओं की क्या स्तिथि रही है अर्थात साहित्यकारों ने अपने लेखन में महिलाओं के जीवन के किन पहलुओ को उठाया है उसी के संदर्भ में चर्चा करना उचित होगा जैसा की हम जानते है महिला दिवस पहली बार वर्ष 1911 में क्लारा ज़ेटकिन द्वारा मनाया गया था, जो एक जर्मन महिला थीं। इस उत्सव की शुरुआत पूरे यूरोप और उत्तरी अमेरिका में श्रमिक आंदोलन के दौरान हुई थी। हालाँकि पहली बार वर्ष 1913 में यह समारोह 8 मार्च को मनाया गया था और तब से इसी दिन मनाया जाता है।
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